Message From Founder
मैं प्रबंधक दिनेश अग्रवाल हमारे विद्यालय के फाउंडर और अध्यक्ष श्री धनेश प्रकाश गर्ग के बारे में दो शब्द लिखने का प्रयत्न कर रहा हूं जो इस प्रकार हैं श्री धनेश जी जिनकी आयु लगभग 85 वर्ष की होगी उनके बारे में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा है किंतु मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है |
अध्यक्ष जी जो कि पेशे से प्रतिष्ठित वकील हैं एक दयालु शुद्ध ह्रदय के भक्त समाज की पीड़ा को समझ कर उसकी सेवा करने वाले व्यक्ति हैं जिन्होंने विद्यालय की शुरुआत लगभग 7दशक पहले सेवा रूप में करी विद्यालय का एवं इस में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पालन पोषण वकील साहब द्वारा एक छोटे बच्चे की तरह किया गया | वकील साहब को यदि हंस की उपाधि दी जाए तो यह अतिशयोक्ति न होगी क्योंकि सभी की खूबियों को निकाल कर मैं उसे खूब चमका देते हैं इस उम्र में भी विद्यालय की सभी गतिविधियों में वह पहले की तरह ही बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं सभी योजनाओं में उनकी रुचि रहती है बच्चों और शिक्षकों के प्रोत्साहन में भी उनकी पूरी सहभागिता अवश्य होती है|
वकील साहब का विद्यालय में होना उस बरगद के वृक्ष के समान है जिसकी छाया में सभी शांति का अनुभव करते हैं,उनका दुलार न केवल बच्चों को बल्कि विद्यालय से जुड़े सभी जनों को मिलता है मैं उनसे उम्र में बहुत छोटा हूं लेकिन यह उनकी खूबी है कि वह मेरा सम्मान अपने बराबर की उम्र के लोगों जैसे करते हैं यदि आज भी कोई मीटिंग उनकी अध्यक्षता में होती है तो उनके द्वारा दिए जाने वाले सुधार के सुझाव प्रोत्साहन भरे एवं बहुत प्यारे होते हैं जिसे खुशी खुशी सभी मानकर अवश्य लागू करते हैं|
वह विद्यालय के लिए नीव का पत्थर,रोशनी देने वाले सूरज,दुलार देने वाले पिता,एवं जागरूक परिश्रमसील अध्यक्ष साबित हुए हैं जो मील के पत्थर की तरह सदा हमारे लिए प्रेरणा स्रोत बंद कर मार्गदर्शन करते रहेंगे|
अध्यक्ष जी जो कि पेशे से प्रतिष्ठित वकील हैं एक दयालु शुद्ध ह्रदय के भक्त समाज की पीड़ा को समझ कर उसकी सेवा करने वाले व्यक्ति हैं जिन्होंने विद्यालय की शुरुआत लगभग 7दशक पहले सेवा रूप में करी विद्यालय का एवं इस में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पालन पोषण वकील साहब द्वारा एक छोटे बच्चे की तरह किया गया | वकील साहब को यदि हंस की उपाधि दी जाए तो यह अतिशयोक्ति न होगी क्योंकि सभी की खूबियों को निकाल कर मैं उसे खूब चमका देते हैं इस उम्र में भी विद्यालय की सभी गतिविधियों में वह पहले की तरह ही बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं सभी योजनाओं में उनकी रुचि रहती है बच्चों और शिक्षकों के प्रोत्साहन में भी उनकी पूरी सहभागिता अवश्य होती है|
वकील साहब का विद्यालय में होना उस बरगद के वृक्ष के समान है जिसकी छाया में सभी शांति का अनुभव करते हैं,उनका दुलार न केवल बच्चों को बल्कि विद्यालय से जुड़े सभी जनों को मिलता है मैं उनसे उम्र में बहुत छोटा हूं लेकिन यह उनकी खूबी है कि वह मेरा सम्मान अपने बराबर की उम्र के लोगों जैसे करते हैं यदि आज भी कोई मीटिंग उनकी अध्यक्षता में होती है तो उनके द्वारा दिए जाने वाले सुधार के सुझाव प्रोत्साहन भरे एवं बहुत प्यारे होते हैं जिसे खुशी खुशी सभी मानकर अवश्य लागू करते हैं|
वह विद्यालय के लिए नीव का पत्थर,रोशनी देने वाले सूरज,दुलार देने वाले पिता,एवं जागरूक परिश्रमसील अध्यक्ष साबित हुए हैं जो मील के पत्थर की तरह सदा हमारे लिए प्रेरणा स्रोत बंद कर मार्गदर्शन करते रहेंगे|
SHRI DHANESH PRAKASH GARG
(FOUNDER)
(FOUNDER)